Gyanpith Puraskar Winners List 2022 | ज्ञानपीठ पुरस्कार लिस्ट

ज्ञानपीठ पुरस्कार लिस्ट 2022 | Gyanpith Puraskar Winners List |

ज्ञानपीठ पुरस्कार किसे कहते है?

ज्ञानपीठ का हिंदी में मतलब है “ज्ञान का पित” या “ज्ञान की पीठिका” (ज्ञान का पीठ)। ज्ञानपीठ एक पुरस्कार है जो भारत के राष्ट्रीय अकादमी द्वारा प्रतिभा के आधार पर दिया जाता है। Gyanpith Puraskar साहित्य, काल, संस्कृति, और विद्या की सभी विधाओं में दिया जाता है, जिसमें साहित्य के सभी भागों को शामिल है, जैसे हिंदी, भोजपुरी, मारथि, गुजराति, संस्कृत, कन्नड, तेलुगू, ोरिया, अस्सामेस, बेंगालि, पुंजबि, मलयलं, उरदू, और तमिल। इस पुरस्कार के लिए आप का कार्य achha होना चाहिए और आप का विचार नया और अलग होना चहिये। ज्ञानपीठ पुरस्कार के लिए आपका कार्य एक विशेष विधान के अनुसार लिखा हुआ होना चहिये, जैसे साहित्य, काल, संस्कृति, या विदया।

ज्ञानपीठ पुरस्कार (gyanpith puraskar)

ज्ञानपीठ पुरस्कार भारत में साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट उपलब्धियों को सम्मानित करने के लिए दिए जाने वाला एक प्रसिद्ध पुरस्कार है। यह भारतीय ज्ञानपीठ द्वारा दिए जाता है, जो एक साहित्य और सांस्कृतिक संगठन है। इसे 1961 में स्थापित किया गया था और यह सालाना ज्ञानपीठ द्वारा प्रतिष्ठित और सम्मानित किए जाने वालों को वर्षांचल के लिए सम्मानित किया जाता है। Gyanpith Puraskar में एक नकदी अर्थात् 11 लाख रुपए (लगभग $15,000) और एक संदर्भ शामिल होता है।

Gyanpith Puraskar Details

Name of awardJnanpith Award (Gyanpith Award)
[jnanpith award official website]
Established1961
First awarded1965
Category ofLiterature
Sponsored byBharatiya Jnanpith
Prize Money11 Lakhs, Ashanti patra, vagdevi pratima
Last awarded2022
India’s first women winnerAshapurna Devi (Bengali)
India’s first winnerजी. शंकर कुरूप, 1965 (Malayalam)
Gyanpeeth award short details in hindi

Jnanpith and Gyanpith both are same?

Jnanpith और Gyanpith साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट उपलब्धियों को पहचानने और सम्मानित करने के लिए भारत में दिए जाने वाला पुरस्कार हैं।

Jnanpith award, भारतीय जननपीठ सोसाइटी द्वारा दिया जाता है इस लिए ये नाम है। 

इसका नाम संस्कृति भाषा से लिया गया है, ‘jnanpith= jnan (knowledge)+Pith(seat). तो फिर इस तरह से अगर हम Jnanpith को gyanpith कहते लिखते है तो इसमें किसी प्रकार की कोई समस्या नही है।

ज्ञानपीठ भारत में स्थित एक साहित्यिक और सांस्कृतिक संगठन, भारतीय ज्ञानपीठ द्वारा दिया जाने वाला एक प्रतिष्ठित साहित्यिक पुरस्कार है। यह 1961 में स्थापित किया गया था और संगठन द्वारा मान्यता प्राप्त संविधान के 8वे अनुच्छेद के अंतर्गत, 22 भाषाओं में से किसी में भी साहित्य में असाधारण योगदान को पहचानने और सम्मानित करने के लिए सालाना सम्मानित किया जाता है। पुरस्कार में रुपये 11 लाख (लगभग $15,000) का नकद पुरस्कार और एक प्रशस्ति पत्र शामिल है।

दूसरी ओर, ज्ञानपीठ, भारत में एक हिंदू राष्ट्रवादी संगठन, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) द्वारा दिया जाने वाला एक पुरस्कार है। यह संगठन द्वारा मान्यता प्राप्त किसी भी भाषा में साहित्य में असाधारण योगदान को पहचानने और सम्मानित करने के लिए प्रतिवर्ष प्रदान किया जाता है। पुरस्कार में रुपये का नकद पुरस्कार शामिल है। 11 लाख (लगभग $15,000) और एक प्रशस्ति पत्र।

इसलिए, जबकि दोनों पुरस्कार साहित्य में असाधारण योगदान के लिए दिए जाते हैं, वे विभिन्न संगठनों द्वारा दिए जाते हैं और विजेताओं के चयन के लिए अलग-अलग मानदंड और प्रक्रियाएं होती हैं।

Gyanpith Puraskar प्राप्त रचनाएँ
(list of jnanpith award winners)

वर्षनामकृतिभाषा
1965जी शंकर कुरुपओटक्कुष़ल (वंशी)मलयालम
1966ताराशंकर बंधोपाध्यायगणदेवताबांग्ला
1967के.वी. पुत्तपाश्री रामायण दर्शणमकन्नड़
1967उमाशंकर जोशीनिशितागुजराती
1968सुमित्रानंदन पंतचिदंबराहिन्दी
1969फ़िराक गोरखपुरीगुल-ए-नगमाउर्दू
1970विश्वनाथ सत्यनारायणरामायण कल्पवरिक्षमुतेलुगु
1971विष्णु डेस्मृति शत्तो भविष्यतबांग्ला
1972रामधारी सिंह दिनकरउर्वशीहिन्दी
1973दत्तात्रेय रामचंद्र बेन्द्रेनकुतंतिकन्नड़
1973गोपीनाथ महान्तीमाटीमटालउड़िया
1974विष्णु सखाराम खांडेकरययातिमराठी
1975पी.वी. अकिलानंदमचित्रपवईतमिल
1976आशापूर्णा देवीप्रथम प्रतिश्रुतिबांग्ला
1977के. शिवराम कारंतमुक्कजिया कनसुगालुकन्नड़
1978अज्ञेयकितनी नावों में कितनी बारहिन्दी
1979बिरेन्द्र कुमार भट्टाचार्यमृत्यंजयअसमिया
1980एस. के. पोट्टेक्काटओरु देसात्तिन्ते कथामलयालम
1981अमृता प्रीतमकागज ते कैनवासपंजाबी
1982महादेवी वर्मायामाहिन्दी
1983मस्ती वेंकटेश अयंगारकन्नड़
1984तकाजी शिवशंकरा पिल्लैमलयालम
1985पन्नालाल पटेलगुजराती
1986सच्चिदानंद राउतरायओड़िया
1987विष्णु वामन शिरवाडकर कुसुमाग्रजमराठी
1988सी॰ नारायण रेड्डीतेलुगु
1989कुर्तुलएन हैदरउर्दू
1990वी.के.गोकककन्नड़
1991सुभाष मुखोपाध्यायबांग्ला
1992नरेश मेहताहिन्दी
1993सीताकांत महापात्रओड़िया
1994यू.आर. अनंतमूर्तिकन्नड़
1995एम.टी. वासुदेव नायरमलयालम
1996महाश्वेता देवीबांग्ला
1997अली सरदार जाफरीउर्दू
1998गिरीश कर्नाडकन्नड़
1999निर्मल वर्माहिन्दी
1999गुरदयाल सिंहपंजाबी
2000इंदिरा गोस्वामीअसमिया
2001राजेन्द्र केशवलाल शाहगुजराती
2002दण्डपाणी जयकान्तनतमिल
2003विंदा करंदीकरमराठी
2004रहमान राही[5]कश्मीरी
2005कुँवर नारायणहिन्दी
2006रवीन्द्र केलकरकोंकणी
2006सत्यव्रत शास्त्रीसंस्कृत
2007ओ.एन.वी. कुरुपमलयालम
2008अखलाक मुहम्मद खान शहरयारउर्दू
2009अमरकान्त व श्रीलाल शुक्ल को संयुक्त रूप से दिया गया।हिन्दी
2010चन्द्रशेखर कम्बारकन्नड
2011प्रतिभा रायओड़िया
2012रावुरी भारद्वाजतेलुगू
2013केदारनाथ सिंहहिन्दी
2014भालचंद्र नेमाडेमराठी
2015रघुवीर चौधरीगुजराती
2016शंख घोषबांग्ला
2017कृष्णा सोबतीहिन्दी
2018अमिताव घोषअंग्रेजी
2019अक्कित्तम अच्युतन नंबूदिरीमलयालम५५वां
gyanpith puraskar kis kshetra mein diya jata hai

56 वा ज्ञानपीठ पुरस्कार किसे मिला ?

56 वा पुरस्कार 2021 के लिए भारत का सर्वोच्च साहित्य पुरस्कार gyanpith puraskar, असम के मुख्यमंत्री डॉ. हेमंत विश्व शर्मा द्वारा असम के प्रसिद्ध साहित्यकारों व कवियों में से नीलमणि फूकन (Nilmani Phookan) जी को प्रदान करते हुए सम्मानित किया गया। 

Gyanpith puraskar
Gyanpith puraskar winner list

नीलमणि फूकन जी असम के तीसरे व्यक्ति है जिन्होंने देश के सर्वोच्च साहित्य पुरस्कार Jnanpith award को जीता है, इनके पहले ममोनी रोइसम गोस्वामी और बिरेंद्र कुमार भट्टाचार्य जी को Jnanpith puraskar से सम्मानित किया जा चुका है।

ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता लिस्ट 2022-1965 (gyanpith puraskar winners list)

नामवर्षभाषा
दामोदर मौउजो2021कोंकणी
नीलमणि फूकन2020असमिया
अक्खितम2019मलयालम
अमिताव घोष2018अंग्रेज़ी
कृष्णा सोबती2017हिंदी
शंख घोष2016बांग्लादेश
रघुवीर चौधरी2015गुजराती
भालचंद्र नामदेव2014मराठी
केदारनाथ सिंह2013हिंदी
रवरी भरतवाजा2012तेलुगू
प्रतिभा रे2011ओरिया
चंद्रशेखर कंबर2010कन्नड़
अमरकांत2009हिंदी
श्रीलाल शुक्ल2009हिंदी
शहरयार2008उर्दू
ओ.एन.वी. कुरुप2007मलयालम
सत्य व्रत शास्त्री2006संस्कृत
रवींद्र केलकर2006कोंकणी
कुंवर नारायण2005हिंदी
रहमान राही2004कश्मीरी
विंदा करंदीकर2003मराठी
डी. जयकान्तन2002तामिल
राजेंद्र शाह2001गुजराती
इंदिरा गोस्वामी2000असमिया
निर्मल वर्मा1999हिंदी
गुरदयाल सिंह1999पंजाबी
गिरीश कर्नाड1998कन्नड़
अली सरदार जाफरी1997उर्दू
महास्वत देवी1996बांग्लादेश
एम.टी. वासुदेवन नायर1995मलयालम
यू.आर. अनन्त मूर्ति1994कन्नड़
सीताकांत महापात्र1993ओरिया
नरेश मेहता1992हिंदी
सुभाष मुखोपाध्याय1991बांग्लादेश
वी.के. गोकक1990कन्नड़
कुरअतुलैन हैदर1989उर्दू
सी. नारायण रेड्डी1988तेलुगू
वी.वी.एस. ‘कुसुमाग्रज’1987मराठी
सच्चिदानंद राउतराय1986ओरिया
पन्नालाल पटेल1985गुजराती
ठाकाझी एस. पिल्लई1984मलयालम
मस्ती वी. अयंगर1983कन्नड़
महादेवी वर्मा1982हिंदी
अमृता प्रीतम1981पंजाबी
एस. Pottekkatt1980मलयालम
बी.के. भट्टाचार्य1979असमिया
एस.एच.वी. Ajneya1978हिंदी
​​के.एस. कारंत1977कन्नड़
आशापूर्णा देवी1976बांग्लादेश
पी.वी. Akilandam1975तामिल
वी.एस. खांडेकर1974मराठी
गोपीनाथ मोहंती1973ओरिया
डी.आर. बेंद्रे1973अन्य
आर.एस. ‘दिनकर’1972हिंदी
बिष्णु डे1971बांग्लादेश
वी. सत्यनारायण1970तेलुगू
फिराक गोरखपुरी1969उर्दू
सुमित्रानंदन पंत1968हिंदी
के.वी. पुट्टप्पा1967कन्नड़
उमा शंकर जोशी1967गुजराती
टी.एस. बंद्योपाध्याय1966बांग्लादेश
जी. शंकर कुरुप1965मलयालम
ज्ञानपीठ पुरस्कार लिस्ट इन हिंदी pdf | gyanpith puraskar 2022

Gyanpith Puraskar किस क्षेत्र के लिए दिया जाता है?

ज्ञानपीठ पुरस्कार साहित्यिक और सांस्कृतिक क्षेत्र में किए हुए कार्य और रचनाओं के लिए देश के नागरिक को दिया जाता है। अब तक हिन्दी तथा कन्नड़ भाषा के लेखक सबसे अधिक बार यह पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं। यह पुरस्कार बांग्ला भाषा को 5 बार, मलयालम को 4 बार, उड़िया, उर्दू और गुजराती को तीन-तीन बार, असमिया को 3 बार, मराठी, तेलुगू, पंजाबी और तमिल को दो-दो बार मिल चुका है।

ज्ञानपीठ पुरस्कार लिस्ट इन हिंदी (Gyanpith puraskar list in Hindi)

jnanpith award winners list

वर्षनामकृति
1968सुमित्रानंदन पंतचिदंबरा
1972रामधारी सिंह ‘दिनकर’उर्वशी
1978अज्ञेयकितनी नावों में कितनी बार
1982महादेवी वर्मायामा
1992नरेश मेहता
1999निर्मल वर्मा
2005कुँवर नारायण
2009अमरकान्त व श्रीलाल शुक्ल को संयुक्त रूप से दिया गया।
2013केदारनाथ सिंह
2017कृष्णा सोबती
Gyanpith Puraskar से सम्मानित हिन्दी साहित्यकारों की सूची

FAQ on Gyanpith Puraskar:

ज्ञानपीठ पुरस्कार 2019 किसे मिला ?

अक्कित्तम अच्युतन नंबूदिरी, जिन्हे 2019 में ज्ञानपीठ पुरस्कार मलयालम कृति के लिए मिला था। यह 55वा ज्ञानपीठ पुरस्कार था।

2020 का ज्ञानपीठ पुरस्कार किसे मिला ?

हाल ही में असमिया साहित्यकार नीलमणि फूकन जूनियर, को ज्ञानपीठ का 56वा पुरस्कार 2020 में दिया गया।

jnanpith award started in which year?

First awarded
1965 ko diya gya tha.

jnanpith award 2021 winner for which book?

Bhartiy bhasha sahitya

ज्ञानपीठ पुरस्कार की शुरुआत कब हुई

ज्ञानपीठ पुरस्कार की शुरुआत, सर्वप्रथम 1965 में जी. संकर कुरूप जी को उनके एक ‘मलयालम’ कृति के लिए सम्मानित करते हुए हुआ था।

ज्ञानपीठ पुरस्कार की स्थापना किसने की?

ज्ञानपीठ पुरस्कार की स्थापना Bharatiy Jnanpith Society के संस्थापक श्री साहू शांति प्रसाद जैन जी के 50वें जन्मदिन के अवसर पर उनके परिवार के सदस्यों के मन में विचार आया कि साहित्य और संस्कृति के क्षेत्र में कुछ ऐसा महत्वपूर्ण कार्य किया जाए जिससे देश को इस क्षेत्र में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मान व गौरव प्राप्त हो। 

जिसके बाद 16 सितंबर 1961 को भारतीय ज्ञानपीठ की संस्थापक अध्यक्ष श्रीमती रमा जैन ने न्यास की एक गोष्ठी में इस पुरस्कार का प्रस्ताव रखा।

2 अप्रैल 1962 में ज्ञानपीठ और टाइम्स ऑफ इंडिया के एक सयुक्त विचार-विमर्श में कई प्रख्यात विद्वानों ने भाग लिया और Gyanpith Puraskar के स्वरूप का निर्धारण करने के लिए कई गोष्ठियाँ होती रहीं और 1965 में पहले ज्ञानपीठ पुरस्कार का निर्णय लिया गया।

ज्ञानपीठ पुरस्कार 2021 में किसे मिला?

2021 में असमिया साहित्यकार नीलमणि फूकन जी को gyanpith puraskar मिला।

ज्ञानपीठ पुरस्कार में कितनी राशि दी जाती है?

Jnanpith puraskar में विजेता को ग्यारह लाख रुपए की नकद धनराशि, प्रशस्ति पत्र और एक वाग्यदेवी की कांस्य प्रतिमा प्रदान करते हुए सम्मानित किया जाता है।

57 वा ज्ञानपीठ पुरस्कार किसे मिला?

वर्ष 2021 और 2022 के लिए 56वां और 57वां ज्ञानपीठ पुरस्कार की घोषणा Bharatiya Jnanpith Society द्वारा किया जा चुका है। jnanpith award 2021 winners list– 2021 के लिए असमिया साहित्यकार नीलमणि फूकन को और वर्ष 2022 के लिए कोंकणी साहित्यकार दामोदर मौउजो को जो गोवा के उपन्यासकार, कथाकार, आलोचक और निबन्धकार हैं जिन्हे ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रदान किए जाने की घोषणा की गयी है।

55 ज्ञानपीठ पुरस्कार 2020 list

2019-2020 Gyanpith Puraskar मलयालम कवि अक्कितम अच्युतन नंबूदरी को दिया गया। जिसे प्रख्यात ओडिया लेखिका प्रतिभा राय की अध्यक्षता में एक निर्णायक मंडल ने उनके नाम की घोषणा से पहले एक बैठक की जिसके बाद निर्णायक मंडल के अन्य सदस्य थे शमीम हनफ़ी, सुरंजन दास, माधव कौशिक और डॉ. पुरुषोत्तम। 55 वा ज्ञानपीठ पुरस्कार में अक्कितम अच्युतन नंबूदरी को 11 लाख रुपये, वाग्देवी की एक मूर्ति तथा एक प्रशस्ति पत्र और एक स्मृति चिन्ह शामिल है।

हिंदी विषय पर प्रथम ज्ञानपीठ पुरस्कार पाने वाले कौन थे?

हिन्दी विषय में प्रथम Gyanpith Puraskar प्राप्त करने वाले प्रथम हिंदी छायावादी लेखक सुमित्रानंदन पंत जी है। वर्ष 1968 में सुमित्रानंदन पंत को उनकी कृति ‘चिदम्बरा’ के लिए ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस पुरस्कार को प्राप्त करने वाले प्रथम हिंदी लेखक हैं। 

महादेवी वर्मा को किस रचना के लिए ज्ञानपीठ पुरस्कार मिला?

महादेवी वर्मा जी को उनकी काव्य संकलन ‘यामा’ कृति के लिए 27 अप्रैल 1982 में Gyanpith Puraskar से सम्मानित किया गया। महादेवी वर्मा जी को काव्य जगत की आधुनिक मीरा भी कहा जाता है।

ज्ञानपीठ पुरस्कार कौन देता है?

Gyanpith Puraskar, भारतीय ज्ञानपीठ न्यास द्वारा दिया जाता है और यह देश के साहित्यिक क्षेत्र में सर्वोच्च सम्मानित पुरस्कार है। देश को कोई भी व्यक्ति या नागरिक जो संविधान के 8वे अनुच्छेद में बताए गए 22 भाषाओं में से की भी भाषा में कोई काव्य, साहित्य, या कुछ भी लिखता है उसको gyanpith puraskar se सम्मानित किया जाता है। जिसमें 11 लाख रुपए नकद, प्रशस्तिपत्र, और वाग्देवी की प्रतिमा जो कांस्य की होती है वो दिया जाता है।