Google Aapka Naam Kya Hai – अक्सर लोग गूगल पर कुछ अजीब अजीब सी चीजें भी सर्च करते रहते हैं। जिनमें से लोग एक सवाल यह भी पूछते हैं कि Google Aapka Naam Kya Hai या गूगल तुम्हारा असली नाम क्या है? इत्यादि। दरअसल यह प्रश्न लोग अपने मोबाइल में गूगल असिस्टेंट से पूछते हैं।
तो आज हम इस लेख में इसी विषय पर चर्चा करेंगे और गूगल का असली नाम जानेंगे। और साथ ही यह भी जानेंगे कि गूगल की शुरुआत कब हुई थी। तो अगर आपका भी गूगल पर यह सर्च करते हैं कि Google Aapka Naam Kya Hai तो आज के इस लेख में हमारे साथ अंत तक जरूर बने रहे। तो आइए लेख शुरू करते हैं।
Google Aapka Naam Kya Hai | गूगल तुम्हारा नाम क्या है?
अक्सर लोग गूगल सही यह प्रश्न पूछने लगते हैं कि गूगल तुम्हारा नाम क्या है? जबकि गूगल का नाम गूगल ही है। लेकिन पहले गूगल का नाम गूगल नहीं था बल्कि कुछ और था। दरअसल गूगल का नाम पहले Googol था और बाद में इसका नाम गूगल रखा गया। इसके पीछे की history हम आपको आगे बताएंगे।
लेकिन हम यहां पर आपको यह बात साफ तौर पर बता देना चाहते हैं कि Google का नाम गूगल ही है। और अगर आप गूगल असिस्टेंट से यह प्रश्न करते हैं कि गूगल तुम्हारा नाम क्या है तो वह आपको इसका उत्तर देगी कि “मेरा नाम Google Assistant है और मुझे अपना नाम बहुत पसंद है। क्या तुम्हें भी अपना नाम पसंद है”?
तो यहां पर जाने वाली बात यह है कि गूगल असिस्टेंट को गूगल द्वारा ही बनाया गया है और हम इसे गूगल असिस्टेंट बुलाते हैं। इसलिए अगर आप गूगल असिस्टेंट से यह प्रश्न करेंगे की गूगल तुम्हारा नाम क्या है? तो आपको केवल एक ही उत्तर मिलेगा।
हम यह जानते हैं कि किसी भी एक व्यक्ति का 2 नाम हो सकता है लेकिन मशीन का केवल एक ही नाम होता है। उदाहरण के लिए अगर हम चैट जीपीटी पर जाकर पूछेंगे कि Chat GPT का नाम क्या है या चैट जीपीटी तुम्हारा नाम क्या है तो वह आपको केवल एक ही जवाब देगा कि मेरा नाम चैट जीपीटी है।
गूगल तुम्हारा जन्म कब हुआ था?
अक्सर लोग गूगल पर यह भी प्रश्न पूछते हैं कि गूगल तुम्हारा जन्म कब हुआ था या गूगल तुम की शुरुआत कब हुई? तो आइए हम इस प्रश्न का उत्तर जानते हैं। गूगल की शुरुआत 4 सितंबर 1998 को गैरेज से की गई थी।
1990 के दशक के अंत में स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के दो Ph.D. छात्रों लैरी पेज और सर्गेई ब्रिन ने इंटरनेट पर उपलब्ध विशाल मात्रा में जानकारी को व्यवस्थित करने के मिशन पर काम शुरू किया। उन्होंने एक ऐसे सर्च इंजन की कल्पना की जो Users को Relevant और Accurate search result प्रदान कर सके।
और उन्होंने इस कंपनी की शुरुआत के लिए काफी मेहनत की और अंत में उनकी प्रयास का परिणाम गूगल का जन्म था। यह एक ऐसी कंपनी थी, जहां पर लोग इंटरनेट पर उपलब्ध सभी जानकारियों को एक ही जगह पर प्राप्त कर सकते थे।
गूगल का नाम गूगल ही क्यों रखा गया?
अक्सर लोगों का यह भी प्रश्न होता है कि आखिर गूगल का नाम गूगल कैसे पड़ा और इसके पीछे की क्या कहानी है। तो सबसे पहले हम आपको यह बता दे कि गूगल का फुल फॉर्म ग्लोबल ऑर्गेनाइजेशन आफ ओरिएंटेड ग्रुप लैंग्वेज ऑफ़ अर्थ (Global Organization Of Orientated Group Language Of Earth) होता है।
इसका मतलब यह है कि एक ऐसा ऑर्गेनाइजेशन जो पृथ्वी के सभी भाषाओं में एक ही जगह पर जानकारी उपलब्ध करा सके। अब जब हम गूगल की शुरुआत और इसके फुल फॉर्म को समझ गए हैं तो आइए हम इसके नाम की उत्पत्ति के बारे में जानते हैं। दरअसल इसके नाम के पीछे की कहानी काफी अनोखी है।
स्टैनफोर्ड मैं काफी विचार विमर्श करने के बाद लैरी पेज और सर्गेई ब्रिन ने अपने इस सर्च इंजन के लिए विभिन्न नामों पर विचार किया। और अंत में इसका नाम Googol रखा था। यह एक गणितीय शब्द है जो संख्या 1 के बाद 100 का प्रतिनिधित्व करता है।
यह नाम लैरी पेज और सर्गेई ब्रिन दोनों को ही काफी आकर्षक लगा था क्योंकि यह उस जानकारी के विशाल पैमाने का प्रतीक था जिसे वे व्यवस्थित करना चाहते थे।
हालांकि जब उनका इरादा Googol नाम उपयोग करने का था तो एक स्पेलिंग मिस्टेक ने कंपनी के नाम को हमेशा के लिए बदल दिया। वह जिस डोमेन नाम को रजिस्टर करना चाहते थे वह googol.com था लेकिन एक स्पेलिंग मिस्टेक के कारण वह googol.com से google.com हो गया।
तो इस तरह इस गलती ने गूगल नाम को जन्म दिया और यह हमेशा के लिए एक बेहतरीन सर्च इंजन बन गया। हम आपको यह भी बता दें कि सबसे शुरुआत में लैरी पेज और सर्गी ब्रिन ने गूगल का नाम Backrub भी रखा था लेकिन उन्हें यह नाम इतना पसंद नहीं था जिसके कारण वे नाम को बदलना चाहते थे।
गूगल का मालिक कौन है?
अगर आप गूगल पर यह सर्च कर रहे हैं कि गूगल को किसने बनाया या गूगल का मालिक कौन है तो हम आपको बता दें कि गूगल का मालिक लैरी पेज और सर्गेई ब्रिन है। यह दोनों ही कैलिफोर्निया के स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले एक Ph.D. के छात्र हैं।
जब यह कॉलेज में थे तभी इन्हें सर्च इंजन बनाने की सूची थी और इन्होंने 4 से 5 सालों में यह काम पूरा किया और सन 1994 को गूगल लांच किया।
लैरी पेज का जन्म अमेरिका में 1973 ईस्वी में हुआ था और इनकी रूचि टेक्नोलॉजी और सॉफ्टवेयर में काफी ज्यादा थी। इसके साथ ही सर्गी ब्रिन का जन्म भी अमेरिका में ही 1973 में ही हुआ था और इनकी रूचि भी कंप्यूटर और टेक्नोलॉजी नहीं थी।
इसलिए यह दोनों ही कैलिफोर्निया के स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में Ph.D. करने के लिए गए थे। और उन दोनों की मुलाकात भी यूनिवर्सिटी में ही हुई थी और यूनिवर्सिटी में ही उन्होंने गूगल सर्च इंजन बनाने के बारे में सोचा था।
गूगल कैसे काम करता है?
अक्सर लोगों के मन में यह जानने की जिज्ञासा होती है कि आखिर गूगल कैसे काम करता है? क्योंकि बहुत से लोग या नहीं जानते हैं कि आखिर गूगल कैसे इतनी सारी जानकारी अपने प्लेटफार्म पर लेकर आता है।
दरअसल गूगल लोगों को गूगल पर ही वेबसाइट बनाने की अनुमति देता है। और यह कहता है कि आप हमारी google.com पर ही वेबसाइट बनाइए और लोगों को जानकारी दीजिए। और इसके लिए हम आपको पैसे भी देंगे। लेकिन इसके लिए भी गूगल द्वारा कुछ नियम एवं शर्तें बनाई गई है।
तो अब अगर आप गूगल पर कोई भी टॉपिक सर्च करते हैं तो गूगल आपकी टॉपिक के हिसाब से कई सारी वेबसाइट आपके सामने बोलता है ताकि आप अपने टॉपिक के हिसाब से सही जानकारी प्राप्त कर सके।
अगर उसे उदाहरण के माध्यम से समझे तो जैसे अभी आपने सर्च किया कि गूगल तुम्हारा नाम क्या है तो आपके सामने हमारी वेबसाइट भी खुलकर आई क्योंकि हमने इस विषय पर एक आर्टिकल लिखा हुआ है।
गूगल पैसे कैसे कमाता है?
गूगल कैसे काम करता है के साथ-साथ लोग भी जानना चाहते हैं कि आखिर गूगल को कमाई कैसे होती है। हम आपको बता दें कि गूगल ऑनलाइन पैसे कमाता है। गूगल हम जैसे लोगों को अपने कई प्रोडक्ट प्रदान करता है जिसका उपयोग हम करते हैं और उस माध्यम से गूगल को भी कमाई होती है।
हालांकि गूगल की सबसे ज्यादा कमाई ऐडसेंस, एडमॉब और एडवर्ड के माध्यम से होती है। जैसे
गूगल पर जो भी लोग वेबसाइट बनाते हैं वह ऐड के द्वारा पैसे कमाते हैं। और यह ऐड लोगों को गूगल ही प्रदान करता है। तो अब ऐड के माध्यम से गूगल को जितने भी पैसे आते हैं उसका कुछ परसेंट गूगल अपने पास रखता है और उसका कुछ परसेंट हुआ वेबसाइट बनाने वाले व्यक्ति को प्रदान करता है। तो इस तरह से ऐडसेंस के द्वारा गूगल पैसे कमाता है।
एडमॉब के अंतर्गत गूगल प्ले स्टोर द्वारा पैसे कमाना है। गूगल लोगों को प्ले स्टोर पर अपना ऐप अपलोड करने के लिए पैसे लेता है। और साथ ही लोगों को अपने ऐप के अंदर ऐड लगाने की भी अनुमति प्रदान करता है। तो अब जो भी लोग अपने आप में ऐड लगाते हैं तो उनसे ऐप बनाने वाला भी कमाई करता है और साथ ही उसका कुछ इनकम गूगल के पास भी जाता है।
ऐसे कई लोग हैं जो अपने ऑनलाइन ई-कॉमर्स वेबसाइट का प्रचार गूगल पर करते हैं। तो इसके लिए गूगल कुछ पैसे चार्ज करता है। तो इस तरह से गूगल गूगल पैसे कमाता है। इसे ही हम एडवर्ड कहते है।
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निष्कर्ष – Google Aapka Naam Kya Hai
आज के इस लेख में हमने लोगों के द्वारा पूछे जाने वाले प्रश्न Google Aapka Naam Kya Hai? से संबंधित जानकारी प्राप्त की। साथी इस लेख में हमने गूगल का असली नाम और इसके काम करने के तरीके के बारे में भी जानकारी प्राप्त की।
अगर आप गूगल से ही संबंधित कुछ अन्य जानकारियां प्राप्त करना चाहते हैं या आपका कोई प्रश्न है तो आप हमें कमेंट करके बता सकते हैं।