भारत की खोज किसने की | Bharat Ki Khoj Kisne Ki ?

एक वक्त भारत के पास इतना सारा खजाना और धन था कि भारत को सोने की चिड़िया के नाम से जाना जाता था। बहुत सारे बड़े बड़े देश भारत में व्यापार करने के लिए आते थे और यहां से खूब सारा धन कमा कर ले जाते थे। भारत दूसरे देशों के मुकाबले एक समृद्ध देश था। पर क्या आप जानते हैं कि कई देशों की नजरों में आकर्षण का केंद्र बने इस खूबसूरत देश, Bharat ki khoj kisne ki थी।

आखिर वह कौन थे जिसे सबसे पहले भारत देश के बारे में पता चला था। यदि आप भी जानना चाहते हैं कि सबसे पहले bharat ki khoj kisne ki, तो इस लेख को आखिर तक जरूर पढ़ें। इस लेख में हम जानने वाले की सर्वप्रथम भारत की खोज किसने की, तो चलिए शुरू करते हैं –

भारत की खोज किसने की | Bharat ki khoj kisne ki

भारत की खोज पुर्तगाल के एक समुद्री यात्री वास्कोडिगामा ने की थी। इतिहास के अनुसार भारत की खोज 20 मई 1498 ईस्वी को की गई थी। इतिहास की मानें तो भारतीय राज्य केरल के कालीघाट बंदरगाह पर वास्कोडिगामा अपने चार अन्य नाविकों के साथ समुद्री मार्ग से होकर भारत पहुंचा था। उस समय कालीघाट के तत्कालीन हिंदू राजा जमोरिन थे और उन्होंने ही वास्कोडिगामा का स्वागत किया था।

यूरोप से लेकर एशिया तक का समुद्री रास्ता खोजने का श्रेय भी वास्कोडिगामा को ही जाता है। इसी लिए वास्कोडिगामा को डिस्कवरी ऑफ इंडिया के नाम से भी जाना जाता है।

वास्कोडिगामा के भारत खोजने से पहले भारत का अस्तित्व था?

वास्कोडिगामा के द्वारा भारत की खोज करने से पहले भी भारत में कई घुसपैठिए, आक्रमणकारी जैसे कि मंगोल, अरब के लोग, सिकंदर इत्यादि भारत आ चुके थे, परंतु समुद्री रास्ते से भारत की खोज सबसे पहले वास्कोडिगामा ने ही की थी।

जो घुसपैठिए भारत में आए थे वह समुद्री रास्ते से नहीं बल्कि स्थलीय रास्ता खेबर दर्रा से होकर आए थे। भारत एक बहुत ही समृद्ध देश था और इसे सोने की चिड़िया के नाम से जाना जाता था। यहां पर कई चीजें जैसे सोना, चांदी, मसाले इत्यादि का उत्पादन भारी मात्रा में हुआ करता था।

भारत में व्यापार के इतने ज्यादा अवसर मौजूद थे कि दूसरे देश अपने आप ही भारत की तरफ बढ़ने लगे थे। भारत की खोज हो जाने के कारण भारत अब वैश्वीकरण की और बढ़ने लगा था और पश्चिम के देशों से व्यापार के रूप में जुड़ गया था।

वास्कोडिगामा के बारे में जानकारी

वास्कोडिगामा का जन्म 1460 ईस्वी में हुआ था। इनका जन्म पुर्तगाल के सिन्स शहर में एक अमीर परिवार में हुआ था। यह पहले यूरोपियन थे जो समुद्री मार्ग से भारत पहुंचे थे। वास्कोडिगामा ने भारत की प्रथम यात्रा 1497 से 1499 में की थी। यह यूरोप से एशिया की यात्रा समुद्र मार्ग के द्वारा करने वाले पहले व्यक्ति थे।

वास्कोडिगामा को अपनी यात्रा के दौरान यह भी पता चला कि हिंद महासागर और अंटार्कटिका महासागर एक जगह पर आकर मिलते हैं। समुद्री रास्तों का पता चलना उस समय इतिहास में बहुत बड़ी खोज थी और इस खोज के बाद एशिया और यूरोप के लोग समुद्री मार्ग के जरिए आसानी से व्यापार कर सकते थे।

समुद्री मार्ग के कारण पुर्तगाली और यूरोप के कई देशों को एशिया में अपना साम्राज्यवाद स्थापित करने का रास्ता भी मिल गया था।

इतिहास के अनुसार वास्कोडिगामा ने भारत की तीन यात्राएं की थी। सन 1524 में वास्कोडिगामा ने भारत की अंतिम यात्रा की थी। अपने आखिरी समय में वह मलेरिया से बहुत गंभीर रूप से ग्रसित हो गए थे। 24 दिसंबर 1524 को भारत के कोचीन में ही उनका देहांत हो गया था।

निष्कर्ष

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Bharat ki khoj kisne ki से संबन्धित FAQ’s

Q. 1 भारत के लिए समुद्री मार्ग की खोज कब और किसने की थी?

Ans. भारत के लिए समुद्री रास्ते की खोज वास्कोडिगामा ने 20 मई 1498 इस्वी को की थी।

Q. 2 भारत की खोज के लेखक कौन है?

Ans. पंडित जवाहरलाल नेहरू

Q. 3 वास्कोडिगामा के जहाज का क्या नाम था?

Ans. साओ राइफल और सैन गैब्रियल

Q. 4 वास्कोडिगामा ने भारत की खोज कब की थी?

Ans. 20 मई 1498

Q. 5 भारत की खोज यात्रा की चर्चा करें?

Ans. इसके लिए ऊपर दिये गए पढ़ें।

Q. 6 वास्कोडिगामा कितनी बार भारत आया था?

Ans. तीन बार

Q. 7 वास्कोडिगामा भारत क्यों आया?

Ans. वास्कोडिगामा समुद्री यात्रा पर निकले थे और समुद्र का रास्ता खोजते हुए वह भारत पहुंचे थे।

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